एक चित्रकार

पुराने समय की बात है एक युवक चित्र कला सीखने के उद्देश्य से एक कलाचार्य के पास आया जो उस समय के महान कलाचार्य थे उन्हें कला विषय में सम्पूर्ण ज्ञान था। युवक की सीखने की ललक को देखकर उन्होंने उसे अपना शिष्य बना लिया | कुछ ही दिनों में मेहनत और लगन से युवक चित्रकला में पारगंत हो गया |

अब वह सोचने लगा मैंने सब कुछ सीख लिया है तो मुझे गुरूजी को दीक्षांत दे देनी चाहिए और गुरूजी यहां से जाने की आज्ञा ले लेनी चाहिए परिणामस्वरूप युवक ने गुरु से आज्ञा ले कर वहां से चल दिया ।

कुछ दिनों बाद एक शहर में वो चित्र बनाने का काम करने लगा लोग उसकी रचनायों को देखते तो मंत्रमुग्ध हो जाते | धीरे धीरे उसकी ख्याति दूर दूर तक फेलने लगी तो वंहा के राजा ने उसे दरबार में आमंत्रित किया और अपना अब तक का सबसे अच्छा चित्र बनाने को कहा और बोला की अगर मुझे चित्र पसंद आता है तो तुम्हे इनाम दिया जायेगा तो चित्रकार ने राजा से पंद्रह दिन का समय माँगा और घर लौट गया |

घर लौटने के बाद वो जैसे ही चित्र के लिए रेखाचित्र बनाने लगा तो उसका मन संताप से भर गया क्योंकि राजा एक आँख से काना था और अगर वो असली चित्र बनाता है तो राजा को अच्छा नहीं लगने की दशा में उसे मौत की सज़ा होती अगर दोनों आंखे सही बनाता है तो गलत चित्र बनाने की वजह से भी मौत की सज़ा होती और अगर वो नहीं बनाता है तो भी राजा उस से कुपित होकर उसे मृत्युदंड ही देता |

अब युवक परेशानी में था लेकिन उसे अपने गुरु की याद आई और वो अपनी समस्या के समाधान के लिए वंहा पहुँच गया | गुरु के पास जाकर उसने अपने भाग जाने के लिए क्षमा मांगी और उनसे बोला कि गुरूजी ऐसी एक समस्या है आप निदान करें तो गुरु ने उसे बताया कि राजा को धर्नुधर के रूप में चित्रित करे जिस में वो घोड़े पर सवार होकर तीर से निशाना लगा रहा हो और उसकी जो आंख कानी है उस आँख को बंद दिखा देना | चित्रकार की समस्या खत्म हो चुकी थी अब उसने लगन से बहुत अच्छा चित्र बनाया जो राजा को बहुत पसंद आया राजा अपने आप को वीर योधा के रूप में चित्रित देखकर बड़ा ही प्रसन्न हुआ और उसने यथोचित इनाम देकर उसे विदा कर दिया |

moral : कोई भी काम करने में जल्दबाजी नहीं की जानी चाहिए हमे सबसे पहले उस विषय में गहरा ज्ञान हासिल कर लेना चाहिए जो हमे अनुभवी बनाता है |

Share with us : Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *