द्रौपदी कैसे बनी पांचाली

कुंती तथा पांडवों ने द्रौपदी के स्वयंवर के विषय में सुना तो वे लोग भी सम्मिलित होने के लिए धौम्य को अपना पुरोहित बनाकर पांचाल

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द्रोपदी का जन्म

महाभारत ग्रंथ के अनुसार एक बार राजा द्रुपद ने कौरवो और पांडवों के गुरु द्रोणाचार्य का अपमान कर दिया था। गुरु द्रोणाचार्य इस अपमान को

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शिष्टाचार

स्वामी विवेकानंद जी ने कहा है कि–विश्व में अधिकांश लोग इसलिए असफल हो जाते हैं, क्योंकि उनमें समय पर साहस का संचार नही हो पाता

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बुद्धि की सुन्दरता

महाकवि कालिदास राजा विक्रमादित्य के प्रमुख दरबारियों में से एक थे। एक बार राजा विक्रमादित्य ने महाकवि कालिदास से एक सवाल पूछा; महात्मन आप इतने

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किताबी ज्ञान

पुराने जमाने की बात है। एक व्यक्ति अध्ययन करने काशी गया। विभिन्न शास्त्रों की जानकारी प्राप्त करने में उसे बारह वर्ष लग गए। जब वह

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कर्त्तव्य की भावना

यह काफी पुरानी बात है। बिहार प्रांत के एक स्टेशन के निकट एक ट्रैकमैन अपना पॉइंट (वह उपकरण जिससे गाड़ियों का ट्रैक बदला जाता है)

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राजा का घमंड

कमलानगर का राजा कमलकांत बहुत ही वीर, साहसी और प्रजा का पालन करने वाला राजा था। उसने अपने पराक्रम से अनेक लड़ाइयां जीतीं। इससे उनके

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सती अनुसूईया

सती अनुसूईया महर्षि अत्री की पत्नी थी। जो अपने पतिव्रता धर्म के कारण सुविख्यात थी। एक दिन देव ऋषि नारद जी बारी-बारी से विष्णुजी, शिव

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कुएँ का गिरगिट

एक दिन श्रीकृष्ण-पुत्र प्रद्युम्न अपने कुछ साथियों के साथ जैसे चारुभानु, गद और साम्ब आदि के साथ उपवन के परिभ्रमण को आए। वह देर तक

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गजेन्द्र और ग्राह

एक बार एक दर्दनाक घटना घट गई। इस पर्वत के घोर जंगल में एक विशाल मतवाला हाथी रहता था। एक—गजराज। वह कई शक्तिशाली हाथियों का

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रावण के पूर्वजन्म

रावण अपने पूर्वजन्म में भगवान विष्णु के द्वारपाल हुआ करते थे पर एक श्राप के चलते उन्हें तीन जन्मो तक राक्षस कुल में जन्म लेना

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