एक राजा बहुत बड़ा प्रजापालक था, हमेशा प्रजा के हित में प्रयत्नशील रहता था. वह इतना कर्मठ था कि अपना सुख, ऐशो-आराम सब छोड़कर सारा
Read full story...नारद की समस्या
एक बार देवर्षि नारद अपने पिता ब्रम्हा जी के सामने “नारायण-नारायण” का जप करते हुए उपस्थित हुए और पूज्य पिताजी को दंडवत प्रणाम किया ।
Read full story...चावल का दाना
शोभित एक मेधावी छात्र था। उसने हाई स्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा में पूरे जिले में टॉप किया था। पर इस सफलता के बावजूद उसके
Read full story...डाँकू रत्नाकर और नारद
बहुत समय पहले की बात है किसी राज्य में एक बड़े ही खूंखार डाँकू का भय व्याप्त था। उस डाँकू का नाम रत्नाकर था। वह
Read full story...ईश्वर दिखाई नहीं देता
आज हम एक महान संत से सम्बंधित एक प्रेरक प्रसंग आपसे साझा कर रहे हैं। तेरहवीं सदी में महाराष्ट्र में एक प्रसिद्द संत हुए संत
Read full story...सहनशीलता
एक बार छत्रपति शिवाजी महाराज जंगल में शिकार करने निकले। अभी वे जंगल में कुछ दूर ही आगे बढे थे कि एक पत्थर आकर उनके
Read full story...To be of good quality
“To be of good quality, you have to excuse yourself from the presence of shallow and callow minded individuals.” ― Michael Bassey Johnson “अच्छी गुणवत्ता
डाकू अंगुलिमाल
यह एक सच्ची प्राचीन व ऐतिहासिक कहानी है। मगध देश की जनता में आतंक छाया हुआ था। अँधेरा होते ही लोग घरों से बाहर निकलने
Read full story...चरित्र का मूल्य
एक राजपुरोहित थे। वे अनेक विधाओं के ज्ञाता होने के कारण राज्य में अत्यधिक प्रतिष्ठित थे। बड़े-बड़े विद्वान उनके प्रति आदरभाव रखते थे पर उन्हें
Read full story...सीख
एक बार की बात है। एक डाकू गुरु नानकदेवजी के पास आया और चरणों में माथा टेकते हुए बोला- “मैं डाकू हूँ, अपने जीवन से
Read full story...खेल खेल में
एक बार की बात है एक लड़का जिसका उसकी माँ के सिवाए इस धरती पर कोई नही था। अपने रूम में बिस्तर पर लेटा हुआ
Read full story...राक्षस और राजकुमार
एक राजा की तीन बेटियां थीं। तीनों बेहद खूबसूरत थीं। सबसे बडी़ बेटी का नाम आहना उससे छोटी याना और सबसे छोटी का नाम सारा
Read full story...कैसे आया जूता
एक बार की बात है एक राजा था। उसका राज्य बहुत बड़ा था। एक दिन उसे देश घूमने का विचार आया और उसने देश भ्रमण
Read full story...संगति का फल
बहुत समय पहले की बात है एक राजा अपने राज्य को छोड़कर किसी अन्य राज्य में घूमना चाहता था। इस लिए वह एक दिन पैदल
Read full story...ऊंट की खोज
अपने तीन बेटों के लिए एक पिता ने 17 ऊंट छोड़े। पिता की मौत के बाद बेटों ने उनकी वसीयत खोली और पढ़ी। अपनी बसीयत
Read full story...कौआ रत्न
बहुत समय पहले की बात है। एक वन में एक विशाल बरगद का पेड़ कौओं की राजधानी था। हजारों कौए उस पर वास करते थे।
Read full story...एक कहानी यह भी
यह बात तो सभी को मालूम है कि, दीपावली का त्योहार क्यों मनाया जाता है भगवान राम जब असुरराज रावण को मारकर अयोध्या नगरी वापस
Read full story...गिलास नही, झील बनो
एक बार एक नवयुवक अपनी रोज़मर्रा कि जिंदगी से परेशान होकर नदी में डूब कर मरने के लिए घर से निकला वह नदी पर पंहुचा
Read full story...पंचतंत्र की कहानी: शरारती बंदर
एक मंदिर का निर्माण किया जा रहा था। मंदिर में लकड़ी का काम बहुत था इसलिए लकड़ी चीरने वाले बहुत से मजदूर काम पर लगे
Read full story...शिष्य के ऐसे विचार
गांव से बहुत दूर एक जंगल में एक गुरुजी रहते थे। वहां उनका एक बड़ा आश्रम था, जहां रहकर अनेक शिष्य विध्याध्यन करते थे। गुरुजी
Read full story...Never lose hope
“Never lose hope, my dear heart, miracles dwell in the invisible.” — Rumi “कभी आशा मत खोना, मेरे प्रिय, चमत्कार अदृश्य में बसते हैं।” —
Walking down the right
“If you are walking down the right path and you are willing to keep walking, eventually you will make progress.” — Barack Obama “यदि आप
राजा महाराणा प्रताप
भारत के इतिहास में राजा महाराणा प्रताप का नाम अमर है। महाराणा प्रताप राजस्थान के शूरवीर एवं स्वाभिमानी राजा थे ।जयपुर के राणा मानसिंह ने
Read full story...शिबी नामक राजा
अतिप्राचीन काल में शिबी नामक एक राजा था । वह बहुत दयालू और न्यायी राजा था । यदि कोई सहायता मांगनेके लिए आए, तो राजा
Read full story...कक्षीवान की पहेली
एक बार ऋषि कक्षीवान, प्रियमेध ऋषि के पास गए और बोले, `प्रियमेध, मेरी एक पहेली सुलझाओ । ऐसी कौन-सी वस्तु है जिसे जलानेपर प्रकाश उत्पन्न
Read full story...वाणी की देवी सरस्वती
ऐसा माiना जाता है की सृस्टि के प्रारंभिक निर्माड़ में भगवान विष्णु की आज्ञा से ब्रह्माजी ने मनुष्य के जीवन की रचना की, परंतु वह
Read full story...नंदी नंदीश्वर हो गए
पुराणों में यह कथा मिलती है कि शिलाद मुनि के ब्रह्मचारी हो जाने के कारण वंश समाप्त होता देख उनके पितरोंने अपनी चिंता उनसे व्यक्त
Read full story...अपनी जिम्मेदारी
एक बार एक राजा के राज्य में सुखा पड़ा। चारो ओर लोग मरने लगे। राजा ने सूखे को खत्म करने के लिये बहुत सारे उपाय
Read full story...तीर्थयात्रा
एकबार तीर्थ यात्रा पे जानेवाले लोगो का एक छोटा सा समूह एक स्थान पर रुका वहां संत तुकाराम रहता था। लोगो ने उनसे भी साथ
Read full story...बुढ़िया की सुई
एक गाँव में एक बुढ़िया रहती थी। उसकी उम्र काफी होने के बजह से गांव के लोग उसका धयान रखते थे। एक दिन वह बुढ़िया
Read full story...कौवा काला क्यों?
कौवे के रंग के बारे में एक पुरानी किवदंती है। एक ऋषि ने कौए को अमृत खोजने भेजा, लेकिन उन्होंने यह इत्तला भी दी कि
Read full story...कंजूसी का परिणाम
जंगल में एक गीदड़ रहता था। वह बड़ा हीकंजूस था। वह अक्सर खाने में कंजूसी करता था। जितने शिकार से दूसरा गीदड़ दो दिन काम
Read full story...अर्जुन की प्रतिज्ञा
कुरुक्षेत्र में महाभारत का भीषण युद्ध कौरवों और पाण्डवों के मध्य चल रहा था । अर्जुनकी अनुपस्थितिमें कौरवों ने चक्रव्यूह की रचना की। किन्तु उसमें
Read full story...It cannot be done
“The person who says it cannot be done should not interrupt the person who is doing it.” –Chinese Proverb “जो व्यक्ति यह कहता है कि
Knowing is not enough
“I have been impressed with the urgency of doing. Knowing is not enough; we must apply. Being willing is not enough; we must do.” –
What make life interesting
“Challenges are what make life interesting and overcoming them is what makes life meaningful.” –Joshua J. Marine “चुनौतियां ही जीवन को दिलचस्प बनाती हैं और
द्रोणागिरि पर्वत
गोस्वामी तुलसीदास द्वारा चरित श्रीरामचरितमानस के अनुसार रावण के पुत्र मेघनाद व लक्ष्मण के बीच जब भयंकर युद्ध हो रहा था, उस समय मेघनाद ने
Read full story...भगवान परशुराम
हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को भगवान परशुराम की जयंती मनाई जाती है। धर्म ग्रंथों के अनुसार इसी
Read full story...अरावन एक देवता
हमारे देश भारत के तमिलनाडु राज्य में एक देवता, अरावन की पूजा की जाती है। कई जगह इन्हे इरावन के नाम से भी जाना जाता
Read full story...क्या आप जानते है?
यह उस समय की बात है जब महाभारत युद्ध में भीष्म पितामह की मृत्यु से युधिष्ठिर को बहुत दुख हुआ। तब महर्षि वेदव्यास व श्रीकृष्ण
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