एक बार हस्तिनापुर नरेश दुष्यंत आखेट खेलने वन में गये। जिस वन में वे शिकार के लिये गये थे उसी वन में कण्व ऋषि का
Read full story...शिव विवाह
सती के विरह में शंकरजी की दयनीय दशा हो गई। वे हर पल सती का ही ध्यान करते रहते और उन्हीं की चर्चा में व्यस्त
Read full story...गणपति और मोदक
एक समय जब माता पार्वती मानसरोवर में स्नान कर रही थी तब उन्होंने स्नान स्थल पर कोई आ न सके इस हेतु अपनी माया से
Read full story...बकरा और ब्राह्मण
किसी गांव में सम्भुदयाल नामक एक ब्राह्मण रहता था। एक बार वह अपने यजमान से एक बकरा लेकर अपने घर जा रहा था। रास्ता लंबा
Read full story...वंश की रक्षा
किसी पर्वत प्रदेश में मन्दविष नाम का एक वृद्ध सर्प रहा करता था। एक दिन वह विचार करने लगा कि ऐसा क्या उपाय हो सकता
Read full story...चतुराई से कठिन काम भी संभव
एक जंगल में महाचतुरक नामक सियार रहता था। एक दिन जंगल में उसने एक मरा हुआ हाथी देखा। उसकी बांछे खिल गईं। उसने हाथी के
Read full story...दोस्ती की परख
एक जंगल था । गाय, घोड़ा, गधा और बकरी वहाँ चरने आते थे । उन चारों में मित्रता हो गई । वे चरते-चरते आपस में
Read full story...कामचोर
वन में एक बन्दर था जो जानवरों में सबसे चालाक था. एक दिन हाथी और भालू एक साथ बैठे थे वे सभी परेशान थे. उनकी
Read full story...बोले हुए शब्द वापस नहीं आते
एक बार एक किसान ने अपने पडोसी को भला बुरा कह दिया, पर जब बाद में उसे अपनी गलती का एहसास हुआ तो वह एक
Read full story...सांड और गीदड़
एक किसान के पास एक बिगडैल सांड़ था। उसने कई पशु सींग मारकर घायल कर दिए। आखिर तंग आकर उसने सांड़ को जंगल की ओर
Read full story...संगठन की शक्ति
एक वन में बहुत बडा अजगर रहता था। वह बहुत अभिमानी और अत्यंत क्रूर था। जब वह अपने बिल से निकलता तो सब जीव उससे
Read full story...शरारती बंदर
एक समय शहर से कुछ ही दूरी पर एक मंदिर का निर्माण किया जा रहा था। मंदिर में लकडी का काम बहुत था इसलिए लकडी
Read full story...शत्रु की सलाह
नदी किनारे एक विशाल पेड था। उस पेड पर बगुलों का बहुत बडा झुंड रहता था। उसी पेड के कोटर में काला नाग रहता था।
Read full story...मूर्ख को सीख
एक जंगल में एक पेड पर गौरैया का घोंसला था। एक दिन कडाके की ठंड पड रही थी। ठंड से कांपते हुए तीन चार बंदरों
Read full story...मुफ्तखोर मेहमान
एक राजा के शयनकक्ष में मंदरीसर्पिणी नाम की जूं ने डेरा डाल रखा था। रोज रात को जब राजा जाता तो वह चुपके से बाहर
Read full story...मित्र की सलाह
एक धोबी का गधा था। वह दिन भर कपडों के गट्ठर इधर से उधर ढोने में लगा रहता। धोबी स्वयं कंजूस और निर्दयी था। अपने
Read full story...कंजूसी का परिणाम
जंगल में एक गीदड़ रहता था। वह बडा कंजूस था, क्योंकि वह एक जंगली जीव था इसलिए हम रुपये-पैसों की कंजूसी की बात नहीं कर
Read full story...बुद्धिमान सियार
एक समय की बात हैं कि जंगल में एक शेर के पैर में कांटा चुभ गया। पंजे में जख्म हो गया और शेर के लिए
Read full story...बगुला भगत
एक वन प्रदेश में एक बहुत बडा तालाब था। हर प्रकार के जीवों के लिए उसमें भोजन सामग्री होने के कारण वहां नाना प्रकार के
Read full story...बहरूपिया गधा
एक नगर में धोबी था। उसके पास एक गधा था, जिस पर वह कपडे लादकर नदी तट पर ले जाता और धुले कपडे लादकर लौटता।
Read full story...दुष्ट सर्प
एक जंगल में एक बहुत पुराना बरगद का पेड था। उस पेड पर घोंसला बनाकर एक कौआ-कव्वी का जोडा रहता था। उसी पेड के खोखले
Read full story...कुटिल शकुनि
शकुनि गांधारराज सुबल का पुत्र था| गांधारी इसी की बहन थी| वह गांधारी के स्वभाव से विपरीत स्वभाव वाला था| जहां गांधारी के स्वभाव में
Read full story...भगवती तुलसी
तुलसी से जुड़ी एक कथा बहुत प्रचलित है। श्रीमद देवि भागवत पुराण में इनके अवतरण की दिव्य लीला कथा भी बनाई गई है। एक बार
Read full story...नांगलोक में भीम
पाँचों पाण्डव – युधिष्ठिर, भीम, अर्जुन, नकुल और सहदेव – पितामह भीष्म तथा विदुर की छत्रछाया में बड़े होने लगे। उन पाँचों में भीम सर्वाधिक
Read full story...ब्राह्मण और अर्जुन
एक बार अर्जुन को अहंकार हो गया कि वही भगवान के सबसे बड़े भक्त हैं। उनकी इस भावना को श्रीकृष्ण ने समझ लिया। एक दिन
Read full story...भगवान विष्णु सर्वश्रेष्ठ
महर्षि भृगु ब्रह्माजी के मानस पुत्र थे। उनकी पत्नी का नाम ख्याति था जो दक्ष की पुत्री थी। महर्षि भृगु सप्तर्षिमंडल के एक ऋषि हैं।
Read full story...संछिप्त हनुमान कथा
हनुमान जी का जन्म त्रेता युग मे अंजना(एक नारी वानर) के पुत्र के रूप मे हुआ था। अंजना असल मे पुन्जिकस्थला नाम की एक अप्सरा
Read full story...शनि देव पर तेल क्यों चढ़ाते हैं
आनंद रामायण की एक कथा के अनुसार लंका पर चढ़ाई के लिए समुद्र पर बांधे गए पुल की सुरक्षा का भार हनुमानजी को सौंपा गया
Read full story...कृष्ण रुक्मणी का विवाह
विदर्भ के राजा भीष्मक की कन्या रूक्मिणी थी, रूक्मिणी के भाई थे रूक्म। रूक्म अपनी बहन की शादी शिशुपाल से करना चाहता था परंतु देवी
Read full story...ऋषि पिप्लाद
त्रेतायुग में एक बार बारिश के अभाव से अकाल पड़ा। तब कौशिक मुनि परिवार के लालन-पालन के लिए अपना गृहस्थान छोड़कर अन्यत्र जाने के लिए
Read full story...धर्मराज युधिष्टर
युधिष्ठिर पांडु का ज्येष्ठ पुत्र था| धर्मराज द्वारा कुंती के आह्वान पर बुलाए जाने पर उनके अंश से ही यह पैदा हुआ था, इसलिए धर्म
Read full story...एकलव्य की गुरुभक्ति
आचार्य द्रोण राजकुमारों को धनुर्विद्या की विधिवत शिक्षा प्रदान करने लगे। उन राजकुमारों में अर्जुन के अत्यन्त प्रतिभावान तथा गुरुभक्त होने के कारण वे द्रोणाचार्य
Read full story...आपस की फूट
प्राचीन समय में एक विचित्र पक्षी रहता था। उसका धड एक ही था, परन्तु सिर दो थे नाम था उसका भारुंड। एक शरीर होने के
Read full story...अक्लमंद हंस
एक बहुत बडा विशाल पेड था। उस पर बीसीयों हंस रहते थे। उनमें एक बहुत स्याना हंस था,बुद्धिमान और बहुत दूरदर्शी। सब उसका आदर करते
Read full story...It is not necessary…
“ये जरूरी नहीं है कि जो लोग आपके सामने आपके बारे में अच्छा बोलते हों वह आपके पीछे भी यही राय रखते हों” “It is
रावण जन्म कथा
जब श्रीराम अयोध्या में राज्य करने लगे तब एक दिन समस्त ऋषि-मुनि श्रीरघुनाथजी का अभिनन्दन करने के लिये अयोध्यापुरी में आये। श्रीरामचन्द्रजी ने उन सबका
Read full story...अर्जुन की प्रतिज्ञा
महाभारत का भयंकर युद्ध चल रहा था। लड़ते-लड़ते अर्जुन रणक्षेत्र से दूर चले गए थे। अर्जुन की अनुपस्थिति में पाण्डवों को पराजित करने के लिए
Read full story...अर्जुन कृष्ण युद्ध
एक बार महर्षि गालव जब प्रात: सूर्यार्घ्य प्रदान कर रहे थे, उनकी अंजलि में आकाश मार्ग में जाते हुए चित्रसेन गंधर्व की थूकी हुई पीक
Read full story...सबसे प्रिय भक्त कौन
एक बार नारद मुनि जी ने भगवान विष्णु जी से पुछा, हे भगवन आप का इस समय सबसे प्रिय भक्त कौन है?, अब विष्णु तो
Read full story...दुरात्मा कीचक
द्रौपदी के साथ पाण्डव वनवास के अंतिम वर्ष अज्ञातवास के समय में वेश तथा नाम बदलकर राजा विराट के यहां रहते थे| उस समय द्रौपदी
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