हिरण्याक्ष और हिरण्यकशिपु जुड़वां भाई थे इनका जन्म दिति के गर्भ से हुआ था। तो धरती कांप उठी आकाश में लोक इधर से उधर डोलने
Read full story...वामन अवतार
पुराणों में लिखा है कि देव माता अदिति ने विष्णु जी की तपस्या की। तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान ने उन्हें वरदान दिया कि वे
Read full story...पूर्णमासी व्रत की कथा
श्रीकृष्ण जीएक दिन अपनी माता से कहने लगे कि इस भूमण्डल पर एक अत्यन्त प्रसिद्ध राजा चन्द्रहास से पालित अनेक प्रकार के रत्नों से परिपूर्ण
Read full story...सोलह सोमवार की कथा
एक समय श्री महादेव जी पार्वती जी के साथ भ्रमण करते हुए मृत्युलोक में अमरावती नगरी में आये, वहां के राजा ने एक शिवजी का
Read full story...कथा काल भैरव की
शिव की क्रोधाग्नि का विग्रह रूप कहे जाने वाले कालभैरव का अवतरण मार्गशीर्ष कृष्णपक्ष की अष्टमी को हुआ। इनकी पूजा से घर में नकारत्मक ऊर्जा,
Read full story...मकरध्वज का जन्म
हिंदू धर्म को मानने वाले यह बात बहुत अच्छी तरह से जानते हैं कि भगवान श्रीराम के परमभक्त व भगवान शंकर के ग्यारवें रुद्र अवतार
Read full story...जैसा अन्न वैसा मन
महाभारत का युद्ध चल रहा था। भीष्मपितामह अर्जुन के बाणों से घायल हो बाणों से ही बनी हुई एक शय्या पर पड़े हुए थे। कौरव
Read full story...वीरमति
‘चौदहवीं शताब्दीमें देवगिरी राज्यपर राजा रामदेव राज्य करते थे । मुसलमान सम्राट (बादशाह) अल्लाउद्दीनने देवगिरीपर आक्रमण किया तथा राजाको आत्मसमर्पण करने हेतु कहा; परन्तु पराक्रमी
Read full story...ज्ञान का प्रकाश
प्राचीन काल में पाटलीपुत्र में एक सुदर्शन नाम का अत्यंत गुणी राजा राज्य करता था| एक दिन उस राजा ने कवि के द्वारा पढ़े जाते
Read full story...सर्वप्रथम पूजा सम्मान
एक बार देवताओ में इस प्रसन पर बहश हो गयी की सर्वप्रथम किसकी पूजा होनी चाहिए। सभी देवता यह गौरब खुद लेना चाहते थे। अतः
Read full story...कृष्ण जन्मकथा
श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद कृष्ण अष्टमी की मध्यरात्रि को रोहिणी नक्षत्र में देवकी व श्रीवसुदेव के पुत्र रूप में हुआ था. कंस ने अपनी मृत्यु
Read full story...महऋषि मार्कण्डेय
एक बार महऋषि मृकण्डु जी से उनके पुत्र मार्कण्डेय जी ने पूछा -” पिता जी क्या कारण है जो आप इतना दुखी दिखाई पड़ रहे
Read full story...ऋषि कणाद
बहुत बर्ष पहले एक ऋषि थे उनका नाम था कणाद | जब किसान अपनी फसल काट लेते थे तो उसके बाद जो अन्न के दाने
Read full story...एकलव्य की गुरुदक्षिणा
एकलव्य एक बहादुर बालक था। वह जंगल में रहता था। उसके पिता का नाम हिरण्यधनु था। एकलव्य को धनुष-बाण बहुत प्रिय था। लेकिन जंगल में
Read full story...शासक अधर्मी हो तो
वाराणसी के राजा ब्रह्मदत को अपने अवगुणों और दोषों के बारे में जानने की बहुत इच्छा थी | उसने राजभवन के अंदर रहने वाले लोगो
Read full story...महारानी दुर्गावती
यह एक पुराने समय की कहानी है जिसमे राजकुमारी दुर्गावती का विवाह किसी राजा दलपत सिंह से हो जाता है । दोनों ही परम वीर
Read full story...अर्धनारीश्वर
हिमाचल प्रदेश की भूमि को देवभूमि कहा जाता है। यहां पर बहुत से आस्था के केंद्र विद्यमान हैं। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के इंदौरा
Read full story...भगवान जगन्नाथ और कृष्ण
परंपराओं और ऐतिहासिक धरोहरों की भूमि भारत के हृदय में कई ऐसे भी राज दफ़्न हैं, जो कहानियां बनकर आज भी सुने और सुनाए जाते
Read full story...राम भक्त हनुमान
एक बार हनुमानजी माता सीतासे मिलने के लिए गए थे । उन्होंने उनको आदरपूर्वक उनका वंदन किया । तभी माता सीताके मनमें विचार आया, ‘हनुमान
Read full story...नारद की समस्या
एक बार देवर्षि नारद अपने पिता ब्रम्हा जी के सामने “नारायण-नारायण” का जप करते हुए उपस्थित हुए और पूज्य पिताजी को दंडवत प्रणाम किया ।
Read full story...सीख
एक बार की बात है। एक डाकू गुरु नानकदेवजी के पास आया और चरणों में माथा टेकते हुए बोला- “मैं डाकू हूँ, अपने जीवन से
Read full story...एक कहानी यह भी
यह बात तो सभी को मालूम है कि, दीपावली का त्योहार क्यों मनाया जाता है भगवान राम जब असुरराज रावण को मारकर अयोध्या नगरी वापस
Read full story...गिलास नही, झील बनो
एक बार एक नवयुवक अपनी रोज़मर्रा कि जिंदगी से परेशान होकर नदी में डूब कर मरने के लिए घर से निकला वह नदी पर पंहुचा
Read full story...कक्षीवान की पहेली
एक बार ऋषि कक्षीवान, प्रियमेध ऋषि के पास गए और बोले, `प्रियमेध, मेरी एक पहेली सुलझाओ । ऐसी कौन-सी वस्तु है जिसे जलानेपर प्रकाश उत्पन्न
Read full story...वाणी की देवी सरस्वती
ऐसा माiना जाता है की सृस्टि के प्रारंभिक निर्माड़ में भगवान विष्णु की आज्ञा से ब्रह्माजी ने मनुष्य के जीवन की रचना की, परंतु वह
Read full story...नंदी नंदीश्वर हो गए
पुराणों में यह कथा मिलती है कि शिलाद मुनि के ब्रह्मचारी हो जाने के कारण वंश समाप्त होता देख उनके पितरोंने अपनी चिंता उनसे व्यक्त
Read full story...कौवा काला क्यों?
कौवे के रंग के बारे में एक पुरानी किवदंती है। एक ऋषि ने कौए को अमृत खोजने भेजा, लेकिन उन्होंने यह इत्तला भी दी कि
Read full story...अर्जुन की प्रतिज्ञा
कुरुक्षेत्र में महाभारत का भीषण युद्ध कौरवों और पाण्डवों के मध्य चल रहा था । अर्जुनकी अनुपस्थितिमें कौरवों ने चक्रव्यूह की रचना की। किन्तु उसमें
Read full story...द्रोणागिरि पर्वत
गोस्वामी तुलसीदास द्वारा चरित श्रीरामचरितमानस के अनुसार रावण के पुत्र मेघनाद व लक्ष्मण के बीच जब भयंकर युद्ध हो रहा था, उस समय मेघनाद ने
Read full story...भगवान परशुराम
हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को भगवान परशुराम की जयंती मनाई जाती है। धर्म ग्रंथों के अनुसार इसी
Read full story...अरावन एक देवता
हमारे देश भारत के तमिलनाडु राज्य में एक देवता, अरावन की पूजा की जाती है। कई जगह इन्हे इरावन के नाम से भी जाना जाता
Read full story...क्या आप जानते है?
यह उस समय की बात है जब महाभारत युद्ध में भीष्म पितामह की मृत्यु से युधिष्ठिर को बहुत दुख हुआ। तब महर्षि वेदव्यास व श्रीकृष्ण
Read full story...द्रौपदी कैसे बनी पांचाली
कुंती तथा पांडवों ने द्रौपदी के स्वयंवर के विषय में सुना तो वे लोग भी सम्मिलित होने के लिए धौम्य को अपना पुरोहित बनाकर पांचाल
Read full story...द्रोपदी का जन्म
महाभारत ग्रंथ के अनुसार एक बार राजा द्रुपद ने कौरवो और पांडवों के गुरु द्रोणाचार्य का अपमान कर दिया था। गुरु द्रोणाचार्य इस अपमान को
Read full story...शिव जी को श्राप
ब्रह्मवैवर्तपुराण के अनुसार एक बार नारद जी ने श्री नारायण से पूछा कि प्रभु आप बहुत विद्वान है और सभी वेदों को जानने वाले हैं।
Read full story...गणेश का जन्म
कहते है की इंसान का वर्तमान, उसके पिछले कर्मो पर और भविष्य वर्तमान कर्मों पर आधारित होता है। लेकिन यह बात केवल इंसानो पर ही
Read full story...सती अनुसूईया
सती अनुसूईया महर्षि अत्री की पत्नी थी। जो अपने पतिव्रता धर्म के कारण सुविख्यात थी। एक दिन देव ऋषि नारद जी बारी-बारी से विष्णुजी, शिव
Read full story...कुएँ का गिरगिट
एक दिन श्रीकृष्ण-पुत्र प्रद्युम्न अपने कुछ साथियों के साथ जैसे चारुभानु, गद और साम्ब आदि के साथ उपवन के परिभ्रमण को आए। वह देर तक
Read full story...गजेन्द्र और ग्राह
एक बार एक दर्दनाक घटना घट गई। इस पर्वत के घोर जंगल में एक विशाल मतवाला हाथी रहता था। एक—गजराज। वह कई शक्तिशाली हाथियों का
Read full story...रावण के पूर्वजन्म
रावण अपने पूर्वजन्म में भगवान विष्णु के द्वारपाल हुआ करते थे पर एक श्राप के चलते उन्हें तीन जन्मो तक राक्षस कुल में जन्म लेना
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