पूर्णमासी व्रत की कथा

श्रीकृष्ण जीएक दिन अपनी माता से कहने लगे कि इस भूमण्डल पर एक अत्यन्त प्रसिद्ध राजा चन्द्रहास से पालित अनेक प्रकार के रत्नों से परिपूर्ण

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कथा काल भैरव की

शिव की क्रोधाग्नि का विग्रह रूप कहे जाने वाले कालभैरव का अवतरण मार्गशीर्ष कृष्णपक्ष की अष्टमी को हुआ। इनकी पूजा से घर में नकारत्मक ऊर्जा,

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वीरमति

‘चौदहवीं शताब्दीमें देवगिरी राज्यपर राजा रामदेव राज्य करते थे । मुसलमान सम्राट (बादशाह) अल्लाउद्दीनने देवगिरीपर आक्रमण किया तथा राजाको आत्मसमर्पण करने हेतु कहा; परन्तु पराक्रमी

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कृष्ण जन्मकथा

श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद कृष्ण अष्टमी की मध्यरात्रि को रोहिणी नक्षत्र में देवकी व श्रीवसुदेव के पुत्र रूप में हुआ था. कंस ने अपनी मृत्यु

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एकलव्य की गुरुदक्षिणा

एकलव्‍य एक बहादुर बालक था। वह जंगल में रहता था। उसके पिता का नाम हिरण्‍यधनु था। एकलव्‍य को धनुष-बाण बहुत प्रिय था। लेकिन जंगल में

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अर्धनारीश्वर

हिमाचल प्रदेश की भूमि को देवभूमि कहा जाता है। यहां पर बहुत से आस्था के केंद्र विद्यमान हैं। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के इंदौरा

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राम भक्त हनुमान

एक बार हनुमानजी माता सीतासे मिलने के लिए गए थे । उन्होंने उनको आदरपूर्वक उनका वंदन किया । तभी माता सीताके मनमें विचार आया, ‘हनुमान

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नारद की समस्या

एक बार देवर्षि नारद अपने पिता ब्रम्हा जी के सामने “नारायण-नारायण” का जप करते हुए उपस्थित हुए और पूज्य पिताजी को दंडवत प्रणाम किया ।

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कक्षीवान की पहेली

एक बार ऋषि कक्षीवान, प्रियमेध ऋषि के पास गए और बोले, `प्रियमेध, मेरी एक पहेली सुलझाओ । ऐसी कौन-सी वस्तु है जिसे जलानेपर प्रकाश उत्पन्न

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वाणी की देवी सरस्वती

ऐसा माiना जाता है की सृस्टि के प्रारंभिक निर्माड़ में भगवान विष्णु की आज्ञा से ब्रह्माजी ने मनुष्य के जीवन की रचना की, परंतु वह

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नंदी नंदीश्वर हो गए

पुराणों में यह कथा मिलती है कि शिलाद मुनि के ब्रह्मचारी हो जाने के कारण वंश समाप्त होता देख उनके पितरोंने अपनी चिंता उनसे व्यक्त

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अर्जुन की प्रतिज्ञा

कुरुक्षेत्र में महाभारत का भीषण युद्ध कौरवों और पाण्डवों के मध्य चल रहा था । अर्जुनकी अनुपस्थितिमें कौरवों ने चक्रव्यूह की रचना की। किन्तु उसमें

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द्रोणागिरि पर्वत

गोस्वामी तुलसीदास द्वारा चरित श्रीरामचरितमानस के अनुसार रावण के पुत्र मेघनाद व लक्ष्मण के बीच जब भयंकर युद्ध हो रहा था, उस समय मेघनाद ने

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भगवान परशुराम

हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को भगवान परशुराम की जयंती मनाई जाती है। धर्म ग्रंथों के अनुसार इसी

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द्रौपदी कैसे बनी पांचाली

कुंती तथा पांडवों ने द्रौपदी के स्वयंवर के विषय में सुना तो वे लोग भी सम्मिलित होने के लिए धौम्य को अपना पुरोहित बनाकर पांचाल

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द्रोपदी का जन्म

महाभारत ग्रंथ के अनुसार एक बार राजा द्रुपद ने कौरवो और पांडवों के गुरु द्रोणाचार्य का अपमान कर दिया था। गुरु द्रोणाचार्य इस अपमान को

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सती अनुसूईया

सती अनुसूईया महर्षि अत्री की पत्नी थी। जो अपने पतिव्रता धर्म के कारण सुविख्यात थी। एक दिन देव ऋषि नारद जी बारी-बारी से विष्णुजी, शिव

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कुएँ का गिरगिट

एक दिन श्रीकृष्ण-पुत्र प्रद्युम्न अपने कुछ साथियों के साथ जैसे चारुभानु, गद और साम्ब आदि के साथ उपवन के परिभ्रमण को आए। वह देर तक

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गजेन्द्र और ग्राह

एक बार एक दर्दनाक घटना घट गई। इस पर्वत के घोर जंगल में एक विशाल मतवाला हाथी रहता था। एक—गजराज। वह कई शक्तिशाली हाथियों का

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रावण के पूर्वजन्म

रावण अपने पूर्वजन्म में भगवान विष्णु के द्वारपाल हुआ करते थे पर एक श्राप के चलते उन्हें तीन जन्मो तक राक्षस कुल में जन्म लेना

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