माण्डव्य ऋषि तपस्या में लीन थे। उधर से कुछ चोर गुजरे। वे राजकोष लूट कर भागे थे। लूट का धन भी उनके साथ था। राजा
Read full story...एकान्त नहीं मिला
आचार्य उपकौशल को अपनी पुत्री के लिये योग्य वर की खोज थी। उनके गुरुकुल में कई विद्वान् ब्रह्मचारी थे, किन्तु वे कन्यादान के लिए ऐसे
Read full story...सेवा भाव की कसौटी
स्वामीजी का प्रवचन समाप्त हुआ। अपने प्रवचन में उन्होंने सेवा- धर्म की महत्ता पर विस्तार से प्रकाश डाला और अन्त में यह निवेदन भी किया
Read full story...सत्य ज्ञान के समन्वय में निहित
सम्राट ब्रह्मदत्त ने सुना कि उनके चारों पुत्र विद्याध्ययन कर लौट रहे हैं, तो उनके हर्षातिरेक का ठिकाना न रहा। स्वतःजाकर नगर- द्वार पर उन्होंने
Read full story...कर्मफल शुभाशुभम
आठों वसु एक बार सपत्नीक पृथ्वी लोक पर भ्रमण के लिए उतरे। कई तीर्थ और देवताओं के दर्शन करते हुये वे वशिष्ठ ऋषि के आश्रम
Read full story...सबसे बड़ा पुण्यात्मा
काशी प्राचीन समय से प्रसिद्ध है। संस्कृत विद्या का वह पुराना केन्द्र है। इसे भगवान् विश्वनाथ की नगरी या विश्वनाथपुरी भी कहा जाता है। विश्वनाथजी
Read full story...सद्व्यवहार का अचूक अस्त्र
एक राजा ने एक दिन स्वप्न देखा कि कोई परोपकारी साधु उससे कह रहा है कि बेटा! कल रात को तुझे एक विषैला सर्प काटेगा
Read full story...सबसे बड़ा गरीब
एक महात्मा भ्रमण करते हुए नगर में से जा रहे थे। मार्ग में उन्हें एक रुपया मिला। महात्मा तो विरक्त और संतोषी व्यक्ति थे। वे
Read full story...ब्रह्मा जी के थैले
इस संसार को बनाने वाले ब्रह्माजी ने एक बार मनुष्य को अपने पास बुलाकर पूछा- ‘तुम क्या चाहते हो?’ मनुष्य ने कहा- ‘मैं उन्नति करना
Read full story...धर्म का मर्म
एक साधु शिष्यों के साथ कुम्भ के मेले में भ्रमण कर रहे थे। एक स्थान पर उनने एक बाबा को माला फेरते देखा। लेकिन वह
Read full story...भला आदमी
एक धनी पुरुष ने एक मन्दिर बनवाया। मन्दिर में भगवान् की पूजा करने के लिए एक पुजारी रखा। मन्दिर के खर्च के लिये बहुत- सी
Read full story...लकड़ी का कटोरा
एक वृद्ध व्यक्ति अपने बहु – बेटे के यहाँ शहर रहने गया . उम्र के इस पड़ाव पर वह अत्यंत कमजोर हो चुका था ,
Read full story...किसान और भगवान
एक बार एक किसान परमात्मा से बड़ा नाराज हो गया ! कभी बाढ़ आ जाये, कभी सूखा पड़ जाए, कभी धूप बहुत तेज हो जाए
Read full story...कहाँ है भगवान
एक आदमी हमेशा की तरह अपने नाई की दूकान पर बाल कटवाने गया . बाल कटाते वक़्त अक्सर देश-दुनिया की बातें हुआ करती थीं ….आज
Read full story...बंदर और सुगरी
सुन्दर वन में ठण्ड दस्तक दे रही थी , सभी जानवर आने वाले कठिन मौसम के लिए तैयारी करने में लगे हुए थे . सुगरी
Read full story...मंदिर का पुजारी
एक बार की बात है कि एक समृद्ध व्यापारी , जो सदैव अपने गुरू से परामर्श करके कुछ न कुछ सुकर्म किया करता था, गुरु
Read full story...आखिरी उपदेश
गुरुकुल में शिक्षा प्राप्त कर रहे शिष्यों में आज काफी उत्साह था , उनकी बारह वर्षों की शिक्षा आज पूर्ण हो रही थी। और अब
Read full story...तीन साधू
एक औरत अपने घर से निकली , उसने घर के सामने सफ़ेद लम्बी दाढ़ी में तीन साधू-महात्माओं को बैठे देखा . वह उन्हें पहचान नही
Read full story...स्वामी जी का उपदेश
एक बार समर्थ स्वामी रामदासजी भिक्षा माँगते हुए एक घर के सामने खड़े हुए और उन्होंने आवाज लगायी। – “जय जय रघुवीर समर्थ !” घर
Read full story...साधू की सीख
किसी गाँव मे एक साधु रहा करता था ,वो जब भी नाचता तो बारिश होती थी . अतः गाव के लोगों को जब भी बारिश
Read full story...सन्यासी की जड़ी बूटी
बहुत समय पहले की बात है , एक वृद्ध सन्यासी हिमालय की पहाड़ियों में कहीं रहता था। वह बड़ा ज्ञानी था और उसकी बुद्धिमत्ता की
Read full story...पत्थर की कीमत
एक हीरा व्यापारी था जो हीरे का बहुत बड़ा विशेषज्ञ माना जाता था, किन्तु गंभीर बीमारी के चलते अल्प आयु में ही उसकी मृत्यु हो
Read full story...संत को मिली सीख
एक संत तीर्थ यात्रा करते हुए वृंदावन धाम की ओर रवाना हुए। लेकिन वृंदावन से कुछ मील पहले ही रात हो गई। उन्होंने सोचा क्यों
Read full story...दोस्त का जवाब
बहुत समय पहले की बात है , दो दोस्त बीहड़ इलाकों से होकर शहर जा रहे थे . गर्मी बहुत अधिक होने के कारण वो
Read full story...अंधा घोड़ा
शहर के नज़दीक बने एक अस्तबल में दो घोड़े रहते थे. दूर से देखने पर वो दोनों बिलकुल एक जैसे दीखते थे , पर पास
Read full story...सबसे कीमती चीज़
एक जाने-माने स्पीकर ने हाथ में पांच सौ का नोट लहराते हुए अपनी सेमीनार शुरू की. हाल में बैठे सैकड़ों लोगों से उसने पूछा ,”
Read full story...बोले हुए शब्द वापस नहीं आते
एक बार एक किसान ने अपने पडोसी को भला बुरा कह दिया, पर जब बाद में उसे अपनी गलती का एहसास हुआ तो वह एक
Read full story...देने का आनंद
एक बार एक शिक्षक संपन्न परिवार से सम्बन्ध रखने वाले एक युवा शिष्य के साथ कहीं टहलने निकले . उन्होंने देखा की रास्ते में
Read full story...माँ बाप
उन सब चीजो से अनजान वो अपने माता पिता की सेवा करता रहा | एक दिन
Read full story...काबिलियत
किसी जंगल में एक बहुत बड़ा तालाब था . तालाब के पास एक बागीचा था , जिसमे अनेक प्रकार के पेड़ पौधे लगे थे .
Read full story...क्रोध की अग्नि
बहुत समय पहले की बात है। आदि शंकराचार्य और मंडन मिश्र के बीच सोलह दिन तक लगातार शास्त्रार्थ चला। शास्त्रार्थ मे निर्णायक थी, मंडन मिश्र
Read full story...लाल बहादुर शास्त्री जी की सादगी
बात उन दिनों की है, जब लाल बहादुर शास्त्री जी उत्तर प्रदेश के गृह मंत्री थे। बड़े पद पर पहुंच कर भी वह सादा जीवन
Read full story...शिल्पकार गुणीराम
पुराने समय की बात है। एक छोटे से गांव में एक गरीब शिल्पकार रहता था। वह मूर्तियों का निर्माण करके, उन्हें गांव गांव बेचकर अपना
Read full story...नन्हा परिंदा
बहुत समय पहले की बात है के एक बहुत बड़ा और घना जंगल था। गर्मियों के दिन थे जंगल में जानवरों की पहल कदमी हो
Read full story...झगड़ालू मेंढक
एक कुएं में बहुत से मेढक रहते थे। उनके राजा का नाम था गंगदत्त। गंगदत्त बहुत झगडालू स्वभाव का था। आसपास दो तीन और भी
Read full story...कद्दू की तीर्थयात्रा
हमारे यहाँ तीर्थ यात्रा का बहुत ही महत्त्व है। पहले के समय यात्रा में जाना बहुत कठिन था। पैदल या तो बैल गाड़ी में यात्रा
Read full story...राजा सोलोमन और शिबा की कहानी
राजा सोलोमन अपने ज्ञान के लिए जाना जाता था। शिबा की रानी उसके ज्ञान की परिक्षा लेना चाहती थी। एक दिन वह अपने दोनो हाथो
Read full story...किसका भक्त
एक बार की बात है भगवान् श्रीराम और सीता में वाद -विवाद हो गया । श्रीराम ने कहा कि हनुमान मेरा भक्त है , और
Read full story...खटमल और मच्छर
एक रात राजा अपने राजसी बिस्तर में सो रहा था.एक खटमल ने उसके बिस्तर में अपना घर बना दिया.रोज रात में जब राजा अपने सपनों में
Read full story...प्यासा कौआ
गर्मियो के दिन थे। एक कौआ बहुत प्यासा था। उसका गला सूख रहा था। वह इधर-उधर उड़ता हुआ पानी की तलाश कर रहा था। पर
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