हर कार्य असंभव लगता है

एक बार एक बहुत बूढा आदमी था उसका एक बेटा था और वो बहुत समय से जेल में कैद था।  उस बूढ़े व्यक्ति का खेत में आलू बिजाई का समय नजदीक आया तो वो बहुत दुखी हो गया के अब वो खेत में अकेले खेत की बिजाई कैसे करेगा।?

इसी बात के चलते उसने अपने पुत्र को जेल में एक खत लिखा और उसने उस ख़त में अपनी सारी परेशानी ब्यान की।

“पुत्र में अब बहुत बूढा हो चुका हूं अब मुझसे अकेले खेत की बिजाई और गुडाई नहीं हो पाएगी। हे ! भगवान अगर तुम मेरे पास होते तो मुझे थोड़ी सहायता मिल जाती भगवान जाने अब मै कैसे इस खेत में आलू की बिजाई कर पाऊंगा ?”

पुत्र को अपने बूढ़े पिता का खत पढ़कर बहुत पीड़ा महसूस हुई वो किसी न किसी  तरह अपने पिता की मदद करना चाहता था इसीलिए उसने काफ़ी समय सोचने के बाद अपने पिता को एक खत लिखा। उस खत में लिखा था

“पिता जी आप खेत की बिजाई और गुडाई मत करवाइए मैंने अपने खेतों में कुछ बंदूकें हथियार रखे हुए हैं यदि आप ने खेत खुदवा दिया तो वो हथियार किसी के हाथ आ जायेंगे और में मुश्किल में फ़स जाऊंगा

जैसे ही इस खत के बारे में पुलिस को पता चला तो पुलिस की एक बड़ी टीम उस खेत में पहुँच गई और पुलिस ने हथियार ढूंढने के लिए पूरा खेत खोद डाला परन्तु कहीं हथियार नहीं मिले आखिरकार पुलिस की पूरी टीम थककर हार कर वापिस लौट गई।

अगले ही दिन उस बूढ़े आदमी ने फिर से अपने पुत्र को जेल में खत लिखा और कहा “पुत्र यह सब कुछ क्या था ?” मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है की मैं अब क्या करूं ?

पुत्र ने वापिस अपने पिता को खत लिखा और कहा

‘पिता जी अब आपको कुछ करने की जरूरत नहीं है , बस अब आप आराम से खेत में आलू बोयेंगे खेत मेनें पूरा खुदवा दिया है में जेल में रहकर आपकी बस इतनी ही सहायता कर सकता था ”

आपका पुत्र रहीम

मित्रो इस कहानी से हमें यही शिक्षा मिलती है के अगर हमारे अंदर कुछ करने का जनून है तो हम दुनिया की बड़ी से बड़ी मुश्किल को भी हरा सकते हैं चाहे हम दुनिया के किसी भी कोने में क्यों ना बैठे हों बस जरूरत होती है दिमाग से काम लेने की।

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