राजा का सवाल

देवगढ़ के राजा विक्रम सिंह के मन में लम्बे समय से एक सवाल बार -बार परेशान कर रहा था ! उन्हें जब उसका हल नहीं सूझा तो अपने दीवान को  बुलावा भेजा !

दीवान से उन्होंने पूछा “दीवान जी ” ऐसा क्यों होता है क़ि एक कुतिया एक बार में सात- आठ बच्चों को जन्म देती है और भेड़ें इससे कम बच्चों को जन्म देती है ! फिर भी भेड़ों के झुंड के झुंड दिखाई देते है ? इसका कारण पता करके बताओ ! दीवान जी बहुत बुद्धिमान थे ! उन्होंने राजा से कहा “महाराज ” इस प्रस्न का उत्तर आपको कल बताऊंगा ! आपको मेरे साथ चलना होगा !

उसी दिन शाम को दीवान जी राजा को अपने साथ लेकर एक कोठरी में गए ! उन्होंने उस कोठरी में बीस भेड़ों को छोड़ा और उनके बीच में एक चारे का टोकरा रखवाकर कोठरी का दरवाजा बंद करवा दिया ! इसी तरह एक दूसरी कोठरी में बीस कुत्ते इक्कठे किये और उनके बीच रोटियों की एक टोकरी रखकर कोठरी का दरवाजा बंद करवा दिया !

दूसरे दिन बड़े सबेरे वह राजा को लेकर उन कोठरियों की तरफ गए ! पहले दीवान जी ने कुत्तों वाली कोठरी खुलवाई ! राजा विक्रम सिंह ने देखा क़ि बीसों कुत्ते आपस में लड़ -लड़ कर जख्मी पड़े थे ! सारी रोटियां जमीन पर बिखरी पड़ी थीं ! फिर दीवान जी ने भेड़ों वाली कोठरी राजा विक्रम सिंह के सामने खुलवाई ! राजा ने देखा क़ि चारे की टोकरी खाली पड़ी थी और सभी भेड़ें पेट भरकर बड़े चैन  से सो रहीं थीं !

दोनों कोठरियां राजा विक्रम सिंह को दिखाने के बाद दीवान जी ने राजा के प्रष्न का उत्तर दिया , ‘ महाराज ‘ जैसा क़ि आपने कुत्तों की कोठरी में देखा क़ि किस तरह कुत्ते रोटियों के लिए आपस में लड़ -लड़ कर जख्मी हो गए पर वो रोटी नहीं खा सके ! दूसरी तरफ भेड़ों ने बहुत प्यार से मिलजुल कर चारा खाया और एक दूसरे के गले लगकर प्रेम से सो गई ! यही वजह है क़ि भेड़ों की संख्या बढ़ती जाती है और झुंड में रहती है ! कुत्ते एक दूसरे को देखते ही भौकना  शुरू कर देते है ! वे साथ रह ही नहीं सकते !

कहने का तात्पर्य है क़ि जिस समाज , बिरादरी या देश में इतनी घ्रणा और स्वार्थ हो वह तरक्की कर ही नहीं सकता ! राजा विक्रम सिंह को अपने सवाल का उत्तर मिल गया था ! उन्होंने उसी समय अपने गले से हार उतारा और दीवान जी को भेंट कर दिया !

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