कृष्ण रुक्मणी का विवाह

विदर्भ के राजा भीष्मक की कन्या रूक्मिणी थी, रूक्मिणी के भाई थे रूक्म। रूक्म अपनी बहन की शादी शिशुपाल से करना चाहता था परंतु देवी रूक्मणी अपने मन में श्री कृष्ण को पति मान चुकी थी।

अत: देवी रूक्मणी ने श्री कृष्ण को एक पत्र लिखा। पत्र प्राप्त कर श्री कृष्ण विदर्भ पहुंचे और स्वयंवर के दिन रूक्मणी को लेकर अपने साथ चल दिए।

रूम्मणी के हरण की बात जानकर शिशुपाल जिससे रूक्मणी की शादी होने वाली थी वह तथा उसका भाई रूक्म अपनी अपनी सेना लेकर कृष्ण को सजा देने के लिए आगे आये लेकिन श्री कृष्ण ने सभी को पराजित कर दिया और रूक्मणी सहित अपने राज्य को लौट आये जहां राक्षस विधि से कृष्ण और रूक्मणी का विवाह सम्पन्न हुआ।

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