लकड़हारा और सांप

एक समय की बात है कि एक लकड़हारा  जंगल से गुजर रहा था । रास्ते में उसे खरगोश मिला वो जाता – जाता बताता है के आगे मत जाना आगे सांप है, पर लकड़हारा उसकी बात को नजरअंदाज कर देता है और आगे चल पड़ता है ।

आगे जाकर उसकी नजर एक सांप पर पडती है वो सांप आकार में बहुत बड़ा था । सांप एक बड़े पेड़ के तने के नीचे आया हुआ था और  मदद  के लिए पुकार रहा था ।  उस बड़े सांप ने लकडहारे से  मदद  के लिए गुहार की , लकड़हारा एक नेक दिल इंसान था और उसे सांप पर तरस आ जाता है ।

उसने सांप को तने के नीचे से निकाल लिया । लकड़हारे के पूछने पर सांप ने  बताया की  वह खरगोश का शिकार  कर रहा था , परन्तु खरगोश मुझसे बच निकला और में इस तने के नीचे आ गया ।

सांप ने लकडहारे से कहा में बहुत दिनों से भूखा हूँ इसीलिए में तुझे खाकर अपनी भूख मिटाऊंगा यह सुनकर लकड़हारा घबरा गया और सांप से गुजारिस की मैने तो तुम्हारी जान बचाई है और तुम ही मेरी जान लेना चाहते हो ।

काफी समय इन दोनों के बीच बहस चलती रहती है , अंत में दोनों ने फैसला किया कि किसी तीसरे से न्याय होगा  । वह दोनों आगे चल पड़ते हैं और रास्ते में उन्हें नेवला मिलता है । लकड़हारे ने सारी कहानी उसे बताई और इन्साफ करने के लिए कहा । सांप और नेवला की दुश्मनी बहुत समय से चली आ रही है । नेवला ने कहा इस निर्दयी सांप को सज़ा मिलनी चाहिए ।

यह सुनते ही सांप गुस्से में आ जाता है और फैसला मानने से इनकार कर देता है । थोड़ी दूरी पर चलने पर उन्हें भेड़िया मिलता है और लकड़हारे ने सारी कहानी उसे बताई और इन्साफ करने की लिए कहा । यह सुनकर भेड़िये  ने सोचा की अगर सांप लकडहारे को मारता है तो मुझे भी कुछ खाने को मिलेगा और उसने सांप के हक में फैसला सुना दिया । अब लकड़हारे ने यह फैसला मानने से इन्कार कर दिया ।  आगे जाकर उन्हें रास्ते में मोर मिलता है । अब मोर और सांप भी एक दुसरे के दुश्मन है । उसने लकडहारे की सारी बात सुनकर उसने कहा इसने तुम पर कितना बड़ा अहसान किया और तुम इसे ही खाना चाहते हो । इस सांप को तो सज़ा मिलनी चाहिए। अब सांप ने मोर का फैसला मानने से इनकार कर  दिया ।

आगे जाकर उन्हें एक आदमी मिलता है उसने लकड़हारे की बात को ध्यान से सुना और कहा है! नागराज तू तने के नीचे कैसे आ सकता है ? यह बात कोई भी नहीं मानेगा । सांप अहंकार में आ जाता है और उसने कहा में बताता हूँ में इसके नीचे कैसे आया ? यह कहकर सांप उस पेड़ के पास चला जाता है । लकड़हारा मौका देखते ही तने को सांप के उपर धकेल देता है और सांप फिर तने के नीचे आ जाता है , इस तरह उस निर्दयी सांप को सजा मिल जाती है ।

सहायता हमेशा जरूरतमंद की ही करनी चाहिए ।

Share with us : Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *