एक राजा और उसकी दो रानियाँ

दूर किसी देश में एक राज्य था, कमलापुरी। कमलापुरी के राजा की दो रानियाँ थीं। दोनों ही बड़ी सुंदर थीं। मगर दुर्भाग्यवश बड़ी रानी के

Read full story...

धन और संतोष प्रेरक बाल कहानी

एक गांव में एक व्यक्ति रहता था जिसके पास पुश्तैनी दौलत थी। इतना ज्यादा धन -दौलत होने के बावजूद भी उसे संतोष नहीं था। किसी

Read full story...

तेनाली राम महामूर्ख

विजयनगर के राजा कृष्णदेव राय होली का त्योहार बड़ी धूम-धाम से मनाते थे। इस अवसर पर हास्य-मनोरंजन के कई कार्यक्रम होते थे। हर कार्यक्रम के

Read full story...

लोगों की पहरेदारी

अकबर बादशाह को मजाक करने की आदत थी। एक दिन उन्होंने नगर के सेठों से कहा- ”आज से तुम लोगों को पहरेदारी करनी पड़ेगी।” सुनकर सेठ घबरा

Read full story...

मुल्ला नसीरूद्दीन की हाजिर जवाबी

एक बार मुल्ला नसीरूद्दीन ने एक आदमी से कुछ उधार लिया था। मुल्ला समय पर उधार चुका नहीं पाया और उस आदमी ने इसकी शिकायत

Read full story...

मुल्ला नसरुद्दीन और एक फ़कीर

एक बार मुल्ला नसरुदीन के गाँव के बाहर एक फ़कीर आया जिसने ये दावा किया कि वो किसी भी अनपढ़ को अपनी विद्या से कुछ

Read full story...

नाग और चींटियाँ

एक घने जंगल में एक बड़ा-सा नाग रहता था। वह चिड़ियों के अंडे, मेढ़क तथा छिपकलियों जैसे छोटे-छोटे जीव-जंतुओं को खाकर अपना पेट भरता था।

Read full story...

गरीब आदमी और अमीर आदमी

एक गरीब मोची और एक धनी व्यापारी, दोनो पड़ोसी थे। मोची के घर में ही जूते चप्पल सीने की छोटी सी दुकान थी। काम करते-करते

Read full story...

विक्रम और बेताल

बहुत पुरानी बात है। धारा नगरी में गंधर्वसेन नाम का एक राजा राज्य  करते थे। उसके चार रानियाँ थीं। उनके छ: लड़के थे जो सब-के-सब बड़े

Read full story...

राजा चन्द्रसेन और नव युवक सत्वशील की कहानी

जब राजा विक्रम, बेताल को लेने जाते है तो वह उन्हें हर बार एक कहानी सुनाता है और अंत में राजा से ऐसा प्रश्न कर

Read full story...

नील से रंगे हुए एक गीदड़ की कहानी

एक समय वन में कोई गीदड़ अपनी इच्छा से नगर के पास घूमते घूमते नील के हौद में गिर गया। बाद में उसमें से निकल

Read full story...

पक्षीराज की चतुराई

बहुत समय पहले एक राजा था चंद्रसेन। उसकी रानी कठोर स्वभाव की थी। राजा चंद्रसेन उसके आगे कुछ नहीं बोल पाता था। रानी राजा से

Read full story...

गोनू झा की चतुराई

मिथिला नरेश क‍ी सभा में उनके बचपन का मित्र परदेश आया था। नरेश उन्हें अपने अतिथि कक्ष में ले गए। उन्होंने अपने मित्र की खूब

Read full story...

बालक ध्रुव

राजा उत्तानपाद की सुनीति और सुरुचि नामक दो भार्याएं थीं । राजा उत्तानपाद के सुनीतिसे ध्रुव तथा सुरुचिसे उत्तम नामक पुत्र हुए । यद्यपि सुनीति

Read full story...