कर्ण की निष्ठा

एक राज पुत्र होते हुए भी कर्ण सूत पुत्र कहा गया। कर्ण एक महान दानवीर था। अपनें प्रण और वचन के लिए कर्ण अपनें प्राणों की

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भगवान श्री कृष्ण को देवी गांधारी का दिया हुआ शाप

कुरुक्षेत्र का युद्ध समाप्त हो चुका था। अधर्म का साथ देने वाले गांधारी के निन्यानवे पुत्र, और उनका सौवा पुत्र जो युद्धिष्ठिर, के पक्ष से

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“ सम्राट युद्धिष्ठिर ” द्वारा अपनी माता “देवी कुंती” और समस्त नारी जाती को दिया हुआ शाप

दुर्योधन का आखिरी महान योद्धा अंग राज कर्ण मारा जा चुका था । देवी कुंती अपनी आँखों में आँसू लिए कुरुक्षेत्र रण में आ पहुँचती

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असुरोंके विनाश हेतु सर्वस्वका त्याग करनेवाले ऋषि दधीचि !

बालमित्रो, प्राचीन कालमें वृत्रासुर नामका एक दैत्य बडा ही उन्मत्त हो गया था । अति बलवान होनेके कारण देवताओं को उसे हराना कठिन हो गया ।

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संसारको प्रसन्न करना कठिन है !

कुछ भी करें, लोग आलोचना करते ही हैं;  इसलिए उस ओर ध्यान न देते हुए स्वयंको जो योग्य लगता है, वैसा आचरण करना ही हितदायक

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समर्पण

एक साधु द्वार-द्वार घूमकर भिक्षा मांग रहा था । वृद्ध तथा दुर्बल उस साधुको ठीकसे नहीं दिखाई देता था । वह एक मन्दिरके सामने खडा

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गुरुका कार्य है शिष्यको उसका वास्तविक स्वरूप दिखाना

बकरियोंके एक झुंडपर एक बाघिनने छलांग लगाई । वह बाघिन गर्भवती थी । कूदते ही वह प्रसूत हो गई तथा कुछ समय पश्‍चात उसकी मृत्यु

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पवन पुत्र केसरी नन्दन हनुमान को बाल्य काल में मिला हुआ शाप

हनुमान बाल्यकाल में काफी नटखट थे। वह हंसी-खेल में ऋषि-मुनियों को खूब सताते थे। एक बार तो उन्होने सूर्य को अपने मुह में समा लिया

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हार-जीत का फैसला !

बहुत समय पहले की बात है। आदि शंकराचार्य और मंडन मिश्र के बीच सोलह दिन तक लगातार शास्त्रार्थ चला। शास्त्रार्थ मेँ निर्णायक थीँ- मंडन मिश्र

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सात परियां और मुर्ख शेखचिल्ली

शेख चिल्ली के किस्से मूर्खता और हंसी की बातों के लिए बहुत प्रसिद्ध है। अगर कोश में ‘शेखचिल्ली’ शब्द का अर्थ देखें तो उसमें लिखा

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सलाह सभी से फैसला अपने मन से

कोई बंजारा बैलो पर मुल्तानी मिटटी लादकर राजधानी की तरफ जा रहा था । रास्ते में कई जगह उसकी बहुत सी मिटटी बिक गई ।

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धर्म का आचरण

काशी के राजा ब्रह्मादत्त के राज्य में धर्मपाल नामक एक ब्राह्मण रहता था। उसमें नाम के मुताबिक ही गुण थे। यहां तक कि उसके घर

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थोड़ा ठहरने से विकारो का समाधान

महात्मा बुद्ध एक बार अपने प्रिय शिष्य आनंद के साथ कही जा रहे थे । गर्मी का महीना था । वन में काफी चलने के

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अवसर को पहचानो

अफ्रीका में एक किसान रहता था, जिओ फ्रांसिस ।वह सुखी था ,क्योंकि वह संतुष्ठ था ।एक दिन उसके पास कोई विद्द्वान व्यक्ति आया । उसने फ्रांसिस को

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पल दो पल की सत्संगति

राजगृह नगर में रौहिणेय नामक एक चोर रहता था । उसके पिता ने मरते समय कहा था । कि तुम्हे अपने व्यवसाय में सफल होना है,

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सीखा हुआ मिटाने के लिए भी शुल्क

एक युवक संगीत में निपुणता प्राप्त करना चाहता था । इसके लिए वह अपने क्षेत्र के सबसे महान संगीताचार्य के पास पंहुचा और बोला ,

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वक़्त पंद्रह मिनट कीमत कुछ नहीं

बात करीब सौ साल पुरानी है , जब आईवी ली ने दुनिया के सबसे धनी व्यक्ति चार्ल्स एम. स्क्वेब को कुछ ऐसे नुख्से बताये ,

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एक ब्राह्मण के द्वारा अंग राज कर्ण को दिया हुआ शाप

एक दिन सूर्य पुत्र कर्ण शिकार खेलने गए थे। झाड़ियों के पीछे किसी हिंसक प्राणी की आशंका होने पर बिना पड़ताल किए ही कर्ण बाण

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राज कुमारी अंबा का भीष्म को दिया हुआ श्राप

काशी राज्य के राजा की तीन पुत्रियाँ अंबा, अंबिका, और अंबालिका का काशी में स्वयंवर हो रहा होता है। तभी वहाँ धनुष बाण लिए क्रोध

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श्रवण कुमार के अंधे माता-पिता और राजा दशरथ का दर्दनाक किस्सा

अपने दृष्टिहीन माता-पिता की प्यास बुझाने के लिए जब श्रवणकुमार नदी पर पानी भरने जाते हैं, तभी पास में अयोध्या नगरी के राजा दशरथ जंगल

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जो चाहोगे सो पाओगे !

एक साधु था , वह रोज घाट के किनारे बैठ कर चिल्लाया करता था ,”जो चाहोगे सो पाओगे”, जो चाहोगे सो पाओगे।”बहुत से लोग वहाँ से गुजरते थे

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कद्दू की तीर्थयात्रा

हमारे यहाँ तीर्थ यात्रा का बहुत ही महत्त्व है। पहले के समय यात्रा में जाना बहुत कठिन था। पैदल या तोबैल गाड़ी में यात्रा की

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