एक समय की बात है दियत्स नाम की नगरी एक नदी किनारे बसी हुई थी। वहां का राजा बहुत ही मूर्ख और सनकी था। एक
Read full story...रसगुल्ले की जड़
मध्य पूर्वी देश से एक ईरानी शेख व्यापारी महाराज कृष्णदेव राय का अतिथि बन कर आता है। महाराज अपने अतिथि का सत्कार बड़े भव्य तरीके
Read full story...तीन गांठें
भगवान बुद्ध अक्सर अपने शिष्यों को शिक्षा प्रदान किया करते थे। एक दिन प्रातः काल बहुत से भिक्षुक उनका प्रवचन सुनने के लिए बैठे थे
Read full story...सही दिशा
एक पहलवान जैसा, हट्टा-कट्टा, लंबा-चौड़ा व्यक्ति सामान लेकर किसी स्टेशन पर उतरा। उसनेँ एक टैक्सी वाले से कहा कि मुझे साईँ बाबा के मंदिर जाना
Read full story...संगती का असर
एक बार एक राजा शिकार के उद्देश्य से अपने काफिले के साथ किसी जंगल से गुजर रहा था | दूर दूर तक शिकार नजर नहीं
Read full story...शिव के गण नंदी की कहानी
पौराणिक दंत कथा अनुसार, एक बार शिवजी के निवास स्थान पर कुछ दुष्ट व्यक्ति प्रवेश कर जाते हैं। इस बात का बोध होते ही शिवजी
Read full story...भीमसेन का अभिमान
पांडु पुत्र भीम को अपनें बलशाली होने पर अत्यंत गर्व हो जाता है। वनवास काल के दौरान एक दिन वह वन की ओर विचरते हुए दूर
Read full story...भस्मासुर को शिव का वरदान
पूर्व काल में भस्मासुर नाम का एक राक्षस हुआ करता था। उसको समस्त विश्व पर राज करना था। अपने इसी प्रयोजन को सिद्ध करने हेतु वह
Read full story...जनमेजय का “सर्प मेघ यज्ञ”
एक बार राजा परीक्षित किसी तपस्वी ऋषि का अपमान कर देते हैं। ऋषिवर क्रोधित हो उन्हें सर्प दंश से मृत्यु का श्राप दे देते हैं।
Read full story...लहरें गिनना
एक दिन अकबर बादशाह के दरबार में एक व्यक्ति नौकरीमांगने के लिए अर्जी लेकर आया। उससे कुछ देर बातचीत करने के बाद बादशाह ने उसे
Read full story...आदमी एक रूप तीन
एक बार बादशाह अकबर ने बीरबल से पूछा- ‘‘क्या तुम हमें तीन तरह की खूबियां एक ही आदमी में दिखा सकते हो?” ‘‘जी हुजूर, पहली
Read full story...कायम हुई गांव की एकता
दोस्तों,यह मेरे गांव तारापुर की एक दिलचस्प कहानी है । हमारा गांव शांति , एकजुटता और एकता जैसी कई विशेषताओं के लिए पूरे इलाके में
Read full story...चिंटू और चीनी
चिंटू और चीनी भाईबहन थे। दोनों एक ही स्कूल में पढ़ते थे इसलिए एकसाथ आतेजाते थे।चिंटू और चीनी के स्वभाव बिलकुल भिन्न थे। चीनी सीधीसादी
Read full story...पुण्यकोटि गाय
कलिंग नामक एक ग्वाला पहाड़ के निकट अपनी गायों के साथ बहुत सुख-सन्तोष से रहता था। उसकी गायों में पुण्यकोटि नाम की एक गाय थी,
Read full story...चतुर बिल्ली
एक चिड़ा पेड़ पर घोंसला बनाकर मजे से रहता था। एक दिन वह दाना पानी के चक्कर में अच्छी फसल वाले खेत में पहुँच गया।
Read full story...महातप नामक सन्यासी और एक चूहे की कहानी
गौतम महर्षि के तपोवन में महातपा नामक एक मुनि था। वहाँ उस मुनि ने कौऐ से लाये हुए एक चूहे के बच्चे को देखा। फिर
Read full story...घंटीधारी ऊंट
एक बार की बात है कि एक गांव में एक जुलाहा रहता था। वह बहुत गरीब था। उसकी शादी बचपन में ही हो गई थी।
Read full story...भाग्य से ज्यादा और समय से पहले, न किसी को मिला है और न मिलेगा।
एक सेठ जी थे जिनके पास काफी दौलत थी और सेठ जी ने उस धन से निर्धनों की सहायता की, अनाथ आश्रम एवं धर्मशाला आदि
Read full story...दूसरों के हितों के खातिर तोड़ी मूर्ति
राजा महेंद्र कीर्ति विद्वतजनों का बहुत सम्मान किया करते थे । उनके दरवार में दूर -दूर से चित्रकार,मूर्तिकार लेखक, कवि आदि आते है और अपनी
Read full story...दत्तात्रेय की प्रेरणा
कृतवीर्य हैहयराज की मृत्यु के बाद उनके पुत्र अर्जुन का राज्याभिषेक होने का अवसर आया , तो उन्होंने राज्यभार ग्रहण करने के प्रति उदासीनता व्यक्त
Read full story...कैसे रहें खुश
एक बार एक अध्यापक कक्षा में पढ़ा रहे थे अचानक ही उन्होंने बच्चों की एक छोटी सी परीक्षा लेने की सोची । अध्यापक ने सब
Read full story...हमारे माता – पिता
एक बार की बात है एक जंगल में सेब का एक बड़ा पेड़ था| एक बच्चा रोज उस पेड़ पर खेलने आया करता था| वह
Read full story...अहंकार का अंत
प्राचीन समय की बात है चारो और जल ही जल था । केवल भगवान् विष्णु शेषनाग की शैया पर सोये हुए थे उसी समय मधु
Read full story...चोर की दाढ़ी में तिनका
बादशाह अकबर बीरबल से अकसर अजीब सवाल तो पूछते ही थे लेकिन एक दिन उन्होंने बीरबल को छकाने की एक तरकीब खोज निकाली। उन्होंने अपनी
Read full story...एक कठिन प्रश्न
बादशाह अकबर के शाही दरबार की कार्यवाही स्थगित हो गई थी। सभी दरबारी और महाराज जाने ही वाले थे की तभी एक सुरक्षाकर्मी भागता हुआ
Read full story...लोभी दरजी
एक था दरजी, एक थी दरजिन। दोनों लोभी थे। उनके घर कोई मेहमान आता, तो उन्हें लगता कि कोई आफत आ गई। एक बार उनके
Read full story...मीठूराम की परेशानी
एक तोता था मीठूराम। पिंजरा ही मीठूराम का घर था और वही उसकी दुनिया। मीठूराम की आवाज बड़ी अच्छी थी पर वह सिर्फ रात को
Read full story...वानर राज बालि
बालि सुग्रीव का बड़ा भाई था। वह पिता और भाई का अत्यधिक प्रिय था। पिता की मृत्यु के बाद बालि ने राज्य सम्हाला। स्त्री के
Read full story...मारीच
एक बार अयोध्या में गाधि-पुत्र मुनिवर विश्वामित्र पधारे। उमका सुचारू आतिध्य कर दशरथ ने अपेक्षित आज्ञा जानने की उन्होंने एक व्रत की दीक्षा ली है।
Read full story...गृध्रराज जटायु
प्रजापति कश्यप जी की पत्नी विनता के दो पुत्र हुए- गरुड़ और अरुण। अरुण जी सूर्य के सारथी हुए। सम्पाती और जटायु इन्हीं अरुण के
Read full story...कुंभकर्ण
कुंभकर्ण रावण का भाई तथा विश्ववा का पुत्र था। कुंभकर्ण की ऊंचाई छह सौ धनुष तथा मोटाई सौ धनुष थी। उसके नेत्र गाड़ी के पहिये
Read full story...देवी अहिल्या
प्रातःकाल राम और लक्ष्मण ऋषि विश्वामित्र के साथ मिथिलापुरी के वन उपवन आदि देखने के लिये निकले। एक उपवन में उन्होंने एक निर्जन स्थान देखा।
Read full story...खर-दूषण का वध
शूर्पणखा ने रोते-रोते खर से कहा, ” राम और लक्ष्मण नामक दो राजकुमार, जो अयोध्या के राजा दशरथ के पुत्र हैं, इस वन में आये
Read full story...युवराज अंगद
युवराज अंगद बाली के पुत्र थे। बाली इनसे सर्वाधिक प्रेम करता था। ये बहुत बुद्धिमान, अपने पिता के समान बलशाली तथा भगवान श्री राम के
Read full story...We have to dare…
“We have to dare to be ourselves, however frightening or strange that self may prove to be.” ― May Sarton “हमें स्वयं होने का साहस
धर्मात्मा राजा नहुष
प्रसिद्ध चंद्रवंशी राजा पुरुरवा का पौत्र था। वृत्तासुर का वध करने के कारण इन्द्र को ब्रह्महत्या का दोष लगा और वे इस महादोष के कारण
Read full story...पतिव्रता नारी “सावित्री”
धर्मराज युधिष्ठिर ने मार्कण्डेय ऋषि से कहा, “हे ऋषिश्रेष्ठ! मुझे अपने कष्टों की चिन्ता नहीं है, किन्तु इस द्रौपदी के कष्ट को देखकर अत्यन्त क्लेश
Read full story...देवराज इन्द्र और प्रह्लाद
प्राचीन भारतीय साहित्य में प्रह्लाद की कथा आती है, जो इसका महत्त्व बताती है। राक्षसराज प्रह्लाद ने अपनी तपस्या एवं अच्छे कार्यों के बल पर
Read full story...नारद का घमण्ड
एक बार नारद जी को यह अभिमान हो गया कि उनसे बढ़कर इस पृथ्वी पर और कोई दूसरा विष्णु भगवान का भक्त नहीं है। उनका
Read full story...महात्मा रैक्व की कथा
जनश्रुति नामक वैदिक काल में एक राजा थे। वे बड़े उदार ह्रदय तथा दानी थे। सारे राज्य में जगह-जगह पर उन्होंने धर्मशालाएं बनावा रखी थीं
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