अवसर को पहचानो

अफ्रीका में एक किसान रहता था, जिओ फ्रांसिस ।वह सुखी था ,क्योंकि वह संतुष्ठ था ।एक दिन उसके पास कोई विद्द्वान व्यक्ति आया । उसने फ्रांसिस को हीरो के बारे में बताया और ये भी कहा कि हीरे बहुत दुर्लभ और अनमोल होते है| यदि तुम्हारे पास अंगूठे के जितना बड़ा हीरा हो ,तो तुम पूरा शहर खरीद सकते हो और अगर मुट्ठी जितना बड़ा हीरा हो ,तो कहना क्या , पूरा देश ही खरीद सकते हो ! विद्द्वान ये कहकर चला गया । पर उस रात फ्रांसिस को नीद नहीं आयी । अगले दिन उसने अपने खेत -खलिहान बेचकर परिवार के लिए थोड़ा इंतजाम किया और हीरो की तलाश में निकल पड़ा । फ्रांसिस ने पूरा अफ्रीका छान मारा , यूरोप तक खोज आया ,पर हीरा नहीं मिला ।स्पेन में बर्सिलोना नदी के किनारे खोजयात्राओ से थके -हारे फ्रांसिस के मन में आत्महत्या का विचार आया । उसने नदी में कूदकर जान दे दी । दूसरी और अफ्रीका में सईद नाम के जिस व्यक्ति ने उसका खेत ख़रीदा था ,वह एक दिन खेत से होकर वह रही जलधारा के पास से निकला । सुबह के सूरज की किरणे पानी में डूबे एक पत्थर से टकराई और वह चमक उठा । उसने पत्थर उठा लिया और जानकारों को दिखाया , तो वह पता चला की वह एक हीरा हे । जिस व्यक्ति ने उस हीरे को पहचाना था , वह सईद को साथ लेकर नहर किनारे गया । दोनों ने वैसे ही कई और पत्थर निकाले और जांच- पड़ताल की , तो पता चला की वे साधारण पत्थर नही, हीरे थे ! उस खेत की मिटटी में दूर -दूर तक हीरे दबे हुए थे ! उस विद्वान् को इस वाकये का पता चला,तो अफ़सोस जताते हुए उसने कहा ,जो व्यक्ति अवसर को नहीं पहचानता,वह उसके द्वार खटखटाने को शोर समझकर शिकायत करता रहता हे ।

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