लाल बहादुर शास्त्री जी की सादगी

बात उन दिनों की है, जब लाल बहादुर शास्त्री जी उत्तर प्रदेश के गृह मंत्री थे। बड़े पद पर पहुंच कर भी वह सादा जीवन जीते थे। सुविधा की कोई भी चीज और ऐशो-आराम के लिए कुछ भी भौतिक वस्तुओं का उपयोग नहीं करते थे।

गृह मंत्री बनने पर वह सरकारी बंगले में आकर रहने लगे। एक दिन बिना उनसे पूछे व बिना उनकी जानकारी के सार्वजनिक निर्माण विभाग वालों ने उनके बंगले में कूलर लगा दिया। घर वाले यह देखकर खुश हो गए।

उन दिनों गर्मी का मौसम था और सब लोग गर्मी से परेशान थे। कूलर लगने से सबको राहत मिली। उधर शास्त्री जी इससे बेखबर थे। दिन भर ऑफिस का काम निपटाने के बाद देर शाम को जब शास्त्री जी घर पहुंचे, तो उन्हें घर पर सरकारी कूलर लगने की बात बताई गई।

यह जानकर वह कुछ गंभीर हो गए और घर वालों से बोले- जरूरत पड़ने पर धूप-लू में निकलना ही पड़ेगा। लड़कियां शादी के बाद न जाने कैसी स्थिति में रहें? हमें फिर इलाहाबाद के अपने पुश्तैनी मकान में रहना पड़ सकता है। इस तरह कूलर से तो सबकी आदतें बिगड़ेगी हीं।

घर वाले यह सुनकर चुप रह गए। शास्त्री जी को इतना कहकर भी संतोष नहीं हुआ। उन्होंने तुरंत सार्वजनिक निर्माण विभाग को फोन कर दिया कि मेरे घर पर लगाया गया कूलर हटा लिया जाए। उनका आदेश था, इसलिए अगले दिन ही उनके आवास से कूलर हट गया। शास्त्री जी को राहत मिली। जिसने भी यह प्रसंग सुना, उसने शास्त्री जी की सादगी की प्रशंसा की।

 

!! हमेशा सादगी भरा जीवन जीने की कोशिश करना चाहिए ऐसे में आपकी आदतें समान्य बनीं रहती हैं। !!

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