लालच के पिशाच

दो भाई धन कमाने के उद्देश्य से परदेस जा रहे थे। कुछ दूर चलने के बाद जब वो रस्ते में थे तो उन्होंने देखा कि एक बूढा उनकी और भागा हुआ आ रहा है और उसने उनके पास आकर बोला कि इस रास्ते मत जाओ यंहा पर एक पिशाच रहता है | वो बड़ा मायावी है और तुम्हे खा जायेगा यह कहके वो दूसरी दिशा में भाग गया | इस पर दोनों भाईयों ने सोचा की बूढ़े ने किसी डरावनी चीज़ को देखा होगा इसलिए डर के मारे भागा जा रहा है |

उन लोगो ने सोचा कि बूढ़े तो होते ही अन्धविश्वाशी है जबकि हम तो जवान और साहसी है अगर पिसाच हुआ भी तो भी सामना कर लेंगे सोचते हुए वो उसी दिशा में आगे बढ़ गये | कुछ दूर चलने के बाद उन्होंने देखा कि रस्ते में एक थैली पड़ी हुई है खोलकर देखा तो उसमे सोने की मोहरे थी दोनों ने सोचा कि अब तो काम बना गया अब परदेश जाने की जरुरत नहीं है चलो घर लौट चले |

इस पर बड़े भाई ने कहा कि चलो अच्छा है पर बड़ी भूख लगी है तुम पडोस के गाँव से खाना ले आओ फिर चलते है इस प्रकार छोटा भाई भोजन की व्यवस्था के लिए चला गया और रस्ते में सोचने लगा अब तो मोहरे आधी आधी हो जायेगा इसलिए भाई को मार देना ही उचित है और उसने लौटते समय खाने में विष मिला दिया |

इधर बड़ा भाई भी यही सोच रहा था और छोटा भाई जेसे ही आया तो उसने गोली मार कर उसे मार दिया जबकि बाद में जब उसने वो विषयुक्त खाना खाया तो खुद भी मर गया |

बूढ़े की बात सही साबित हुई लालच के पिशाच ने दोनों को काल का ग्रास बना दिया |

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